Tuesday, February 1, 2011

ख़तरनाक जानवरों के साथ जंगल में अल्लाह तआला की इबादत

            हज़रत ख़्वाजा सैयद मुहम्मद साहब के जाने के बाद हज़रत ख़्वाजा दाना साहब जंगल ही में तनेतनहा अल्लाह रब्बुल इज्ज़त की इबादत में मशगूल हो गए. जंगल के  ख़तरनाक जानवरों से आप को बहुत प्यार था.रात को जब आप अल्लाह अल्लाह करते तो जंगल के शेर,बबर,चीता,रीछ,हिरन,हाथी वगैरह आप के चारों तरफ बैठ जाते ओर अल्लाह अल्लाह की नूरानी सदाओं को बहुत मेह्विय्यत ओर जज़्बे से सुनते, बाज़ औक़ात तो यूँ महसूस होता कि गोया वो जानवर भी उनके  ज़िक्र  के साथ शामिल हो गए हैं.इस तरह उन्हें जंगल में रहते हुए कुछ अरसा गुज़र गया,लेकिन अल्लाह तआला ने आपकी  ज़ाते  गिरामी से अपने बन्दों के लिए फैज़ हासिल करना लिखा था. इस लिए अब जंगल की ज़िन्दगी से आप दुनियावी ज़िन्दगी की तरफ राग़िब होते हैं.

No comments:

Post a Comment