Sunday, June 12, 2011

बल्ख़ में आप की शादी मुबारक ओर हिन्दुस्तान में आपकी आमद

       बल्ख़ का बादशाह पीर मुहम्मद खान बिन जानी बेग आपका मुरीद ओर मो-त-किद था उसने अपनी रज़ाई बहन से आप की शादी करदी. काफी मुद्दत तक बल्ख़ में क़याम फरमाने के बाद अपनी शरीके हयात व मुरीदीन व मुतवस्सिलीन को लेकर बहुक्मे इलाही हिन्दुस्तान की जानिब रवाना हुए. हज़रात ख्वाजा दाना रहमतुल्लाह अलैह ने यह सफ़र समन्दर से शुरू कीया ओर ठठ के साहिल पर उतरे यहाँ कुछ दिन क़याम फरमाया.फिर आगरह तशरीफ़ लाये ओर मस्जिदे रहील में क़याम फरमाया.शेर शाह सोरी के बेटों ओर उमरा ने नज़रानए अक़ीदत पेश कीया. आगरह में कुछ रोज़ क़याम फरमाने के बाद यहाँ से आप बड़ोदा तशरीफ़ लाये.
        बड़ोदा में हज़रत मौलाना नज़ीर बदखशी आपकी ख़िदमत में हाज़िर हुए ओर नज़रानए अक़ीदत पेश करने के बाद दरख्वास्त की कि चंद दिन बड़ोदा में अपने मकान पर क़याम फरमाएं. यहाँ डाकुओं ने आपका सामान लूट लिया.
मो-त-किदीन हाज़िर हुए ओर डाकुओं को बुरा भला कहने लगे लेकिन आपने मुस्कुरा कर फरमाया. दोस्तो! अल्लाह का शुक्र है कि अमानत, अमानत वालों के पास पहुँच गयी. वोह सामान उन्हीं डाकुओं का था. कुछ दिनों के बाद आपने बड़ोदा को खैर आबाद कीया ओर बुरहान पूर तशरीफ़ ले गए वहाँ से फिर आप अपने मुस्तक़िल क़याम सुरत में तशरीफ़ लाकर पूरी ज़िन्दगी यहीं गुज़ार दी.

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