Friday, January 7, 2011

बचपन के सदमात

             हज़रत ख़्वाजा दाना साहब अभी चार माह के थे कि वालिदे गिरामी हज़रत ख़्वाजा सैयद बादशाह पर्दापोश अलयहिर्रेह्मा शाह इस्माईल सफवी वालीए इरान शिआ बादशाह से जंग करने में शहीद हो गए.शोहर नामदार की मफारिक़त(जुदाई) ने हज़रत ख़्वाजा दाना की वालिदह मोहतरमा का हाल बुरा कर दिया था. इसी ग़म में आपकी वालिदह  का साया भी सर से उठ गया. आप अय्यामे तिफुलियत(बचपन के दिन) ही में वालिदैन के साये से महरूम हो गए.

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